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Kharif MSP Price 2024-25: बाजरे, मूंगफली, मूंग, तुअर दाल, मक्का के दामों में जबर्दस्त उछाल, सरकार ने किया MSP जारी

Kharif MSP Price 2024-25: बाजरे, मूंगफली, मूंग, तुअर दाल, मक्का के दामों में जबर्दस्त उछाल, सरकार ने किया MSP जारी

Kharif MSP Price 2024-25: राजस्थान में खरीफ फसलों की कटाई के समय पर किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है, जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा। इस बार सबसे ज्यादा चर्चा बाजरे की हो रही है, जिसका समर्थन मूल्य 125 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 2625 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

इससे किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी खासकर बाजरा, मूंग, मूंगफली, तुअर दाल और मक्का की फसल उगाने वाले किसानों को। राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ द्वारा अक्टूबर से फसलों की खरीद के लिए पंजीकरण शुरू किया जाएगा और नवंबर के पहले सप्ताह से फसलों की खरीद शुरू होगी।

MSP Hike 2024-25: महत्वपूर्ण फसलों के बढ़े दाम
केंद्र सरकार ने किसानों की आय में बढ़ोतरी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से कई खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि की है। आइए देखें कि किन फसलों के दामों में कितनी बढ़ोतरी की गई है:

फसल एमएसपी (2023) बढ़ोतरी नया एमएसपी (2024)
बाजरा 2500 रु/क्विंटल 125 रु 2625 रु/क्विंटल
मूंग 8558 रु/क्विंटल 124 रु 8682 रु/क्विंटल
मूंगफली 6377 रु/क्विंटल 406 रु 6783 रु/क्विंटल
तुअर दाल 7300 रु/क्विंटल 250 रु 7550 रु/क्विंटल
मक्का 2090 रु/क्विंटल 135 रु 2250 रु/क्विंटल

किसानों की उम्मीदें और चुनौतियां
बाजरे के बढ़े हुए समर्थन मूल्य से किसान खुश हैं, लेकिन राज्य सरकार अभी भी एमएसपी पर बाजरे की खरीद को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं ले पाई है। इसका मतलब यह है कि भले ही बाजरे का समर्थन मूल्य बढ़ा है, लेकिन अगर सरकार एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित नहीं करती, तो किसानों को स्थानीय व्यापारियों के माध्यम से कम दामों पर अपनी फसलें बेचनी पड़ सकती हैं।

सीकर जिले के किसान, जहां बाजरे की खेती बड़े पैमाने पर होती है, इस असमंजस में हैं कि सरकार उनकी फसल को एमएसपी पर खरीदेगी या नहीं। यह स्थिति केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भी बाजरे की खरीद एमएसपी पर नहीं हो रही है।

राज्य में पंजीकरण और खरीद प्रक्रिया
राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ द्वारा अक्टूबर महीने से फसलों की खरीद के लिए पंजीकरण शुरू होगा। किसानों से कहा गया है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं ताकि उनकी फसलें उचित मूल्य पर खरीदी जा सकें। नवंबर के पहले सप्ताह से फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलने में देरी नहीं होगी और उन्हें समय पर भुगतान प्राप्त होगा।

बाजरा उत्पादन और राज्य सरकार की भूमिका
राजस्थान में बाजरा एक प्रमुख फसल है, और यह राज्य का सबसे बड़ा बाजरा उत्पादक क्षेत्र है। सीकर जिले में लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर बाजरा उगाया जाता है, इसके अलावा 60 हजार हेक्टेयर में मूंग और 30 हजार हेक्टेयर में मूंगफली की खेती होती है। किसानों का मानना है कि अगर राज्य सरकार बाजरे की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करे, तो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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